ग्रामीण अंचल को नई सौगात : पचपोखरी से गोरखपुर तक बस सेवा का विधायक ने हरी झंडी दिखाकर किया शुभारम्भ, बेहतर यातायात सुविधा से खिले ग्रामीणों के चेहरे
(सईद पठान की रिपोर्ट)
संतकबीरनगर। ग्रामीण अंचल के लोगों की वर्षों पुरानी मांग आखिरकार पूरी हो गई, रविवार को पचपोखरी से गोरखपुर तक चलने वाली नई बस सेवा का शुभारम्भ विधायक अंकुर राज तिवारी के कर- कमलों द्वारा धूमधाम के साथ किया गया। कार्यक्रम में श्री तिवारी ने हरी झंडी दिखाकर जब बस को रवाना किया, तो ग्रामीणों के चेहरों पर प्रसन्नता और राहत की झलक साफ देखी जा सकती थी। यह बस सेवा न सिर्फ परिवहन की नई राह खोलेगी, बल्कि गाँव से शहर को जोड़ने वाली विकास की डोर भी मजबूत करेगी।
विधायक अंकुरराज तिवारी ने बताया कि, नई बस सेवा से पचपोखरी से खलीलाबाद तक का सफर अब यात्री मात्र ₹21 में तय कर सकेंगे, जबकि गोरखपुर तक की दूरी भी सस्ते, सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से पूरी होगी। लंबे समय से ग्रामीण अंचल के लोगों को गोरखपुर और खलीलाबाद पहुँचने में अतिरिक्त खर्च और असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। अब यह सुविधा उनके लिए किसी बड़े उपहार से कम नहीं है।
उन्होंने कहा यह बस सेवा विशेषकर छात्रों, व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए मील का पत्थर साबित होगी। छात्रों को शिक्षा संस्थानों तक पहुँचने में सुविधा मिलेगी, जबकि व्यापारी व छोटे कारोबारी अपने सामान और कारोबार को बड़े बाजारों तक आसानी से पहुँचा सकेंगे। आमजन के लिए यह सेवा न केवल आर्थिक रूप से राहत देगी बल्कि समय और ऊर्जा की भी बचत करेगी।
बस सेवा के शुभारम्भ अवसर पर भाजपा नेता और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र मिश्रा, छेदीलाल यादव, एआरएम बस्ती आयुष भटनागर, संजय तिवारी, कांटे मंडल अध्यक्ष रामनयन शर्मा, देहात मंडल अध्यक्ष भगवान दास, रामसागर राय, देवी लाल श्रीवास्तव, घनश्याम कनौजिया, हरिशंकर भट्ट, इंद्रजीत तिवारी, तियुगी नारायण दुबे, राघवेंद्र पांडे, मनीष श्रीवास्तव समेत अनेक कार्यकर्ता और ग्रामीणों ने इस ऐतिहासिक पल को साझा किया।
ग्रामीणों ने इस सुविधा के लिए सरकार और जनप्रतिनिधियों का आभार जताया और कहा कि यह सेवा उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी। यह कदम प्रदेश सरकार की "गाँव से शहर तक सुगम यातायात उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता" को भी दर्शाता है।
नई बस सेवा ने न केवल पचपोखरी व आसपास के गाँवों के लोगों को गोरखपुर और खलीलाबाद से जोड़ने का काम किया है, बल्कि यह ग्रामीण विकास और सामाजिक प्रगति की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है।
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